शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन एवं हस्तानांतर होता है | छात्राएं शिक्षा के माध्यम से ही अपने व्यक्तित्व का विकास तथा राष्ट्रीय संस्कृति को ग्रहण कर सकती हैं |

शिक्षा हमारे अन्तर्निहित अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञानरुपी प्रकाश को प्रज्जवलित करती हैं | यह व्यक्ति को सभ्य सुसंस्कृत बनाने का एक सशक्त माध्यम हैं | यह हमारी अनुभूति एवं संवेदनशीनलता को प्रबल करती है तथा वर्तमान एवं भविष्य के निर्माण का अनुपम स्रोत हैं | आज का मानव अपने मानवीय मूल्यों के प्रति विमुख हो चुका हैं | ऐसा स्थिति में उचित शिक्षा ही हमारे आदर्श एवं विश्वास समाज में अनुपस्थित होते जा रहे हैं | ऐसी स्थिति में उचित शिक्षा ही हमारे मूल्यों को विकसित करने में सार्थक कदम उठा सकती हैं | शिक्षा हमारे वंछित शक्ति का विकास करती हैं | इसके आधार पर ही अनुसंधान और विकास को बल मिलता है | यह हमारी संवेदनशीलता और दृष्टि को प्रखर करती है | इससे वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है तथा समझ एवं चिन्तन में स्वतंत्रता आती हैं | एक प्रकार से शिक्षा राष्ट्रीय आम्तनिर्भरता एवं नारी के सर्वागीण विकास की आधारशिला हैं |

अतः अपने उक्त उद्देश्यों को लेकर जनपद गाजीपुर के जंगीपुर में एक दीप के रूप में 1961 को स्थापित यह विद्यालय अपने सिद्धांतों को लेकर आगे बढ़ रहा हैं | हमारा उद्देश्य विद्यालय की छात्राओं को चहुमुखी विकास से जोड़ना तथा समाज में उनके मान एवं सम्मान का मार्ग प्रशस्त करना हैं | विद्यालय अपने उद्देश्यों को लेकर अत्यधिक गंभीर है तथा समाज के शिक्षित, प्रतिष्ठित, सामाजिक एवं दानी व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करने का हर संभव प्रयास कर रहा है, हमारे समाज में नारियों का जो मन सम्मान है वो पुरुषों से कम नहीं होना चाहिए , इसलिए उनकी शिक्षा एवं कार्य कुशलता के मार्ग में हम आप सबका स्नेह, सहयोग एवं मार्गदर्शन, प्राप्त करना चाहते है इस भावना से हमारे लिए आपके सहयोग एवं सुझाव सादर आमंत्रित हैं |

प्रधानाचार्य की कलम से

श्री शिवकुमार शास्त्री इण्टर कालेज जंगीपुर गाजीपुर के इस पेज पर आपका स्वागत् करता हॅॅू। यह विद्यालय न सिर्फ जनपद का बल्कि पूरे पूर्वान्चल में अपनी गुणवत्तापरक शिक्षा व अनुशासन के लिए अग्रगण्य है। इस विद्यालय से उत्तीर्ण विद्यार्थी शासन,प्रशासन,राजनिति ,समाजसेवा सहित अनेक विधाओं में देश-विदेश में उच्वपदस्थ रहते हुए विद्यालय के शुभेच्छु बने हुए हैं।
गौरवशाली परम्परा के अनुरूप 2009 से मेरे कर्यभार ग्रहण करने से लेकर अद्यतन शिक्षा-विद्यार्थी -शिक्षक में समन्वय स्थापित करते हुए अनुशासन के साथ स्तरीय शिक्षण की दिशा में लगातार प्रयास जारी है।
मानविकी, विज्ञान एवं व्यावसायिक वर्ग में योग्य अध्यापकों द्वारा शिक्षण के कारण यह विद्यालय विद्यार्थियों एवं अभिभावकों में अपनी गरिमा एवं विश्वास कायम किये हुए है।
शिक्षण के साथ साथ विद्यार्थियों के चतुर्दिक विकास के लिए खेल कूद सहित अन्य शिक्षणेत्तर गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। एन0सी0सी0 स्काउट,खेल, सांस्कृतिक कार्याक्रम इत्यादि के द्वारा विद्यार्थियों के व्याक्तित्व में निखार के सतत प्रयास चलते रहते है।
शासन के निर्देशों के अनुपालन के साथ-साथ अपेक्षाकृत पिछड़े और गरीब विद्याथियों को संवेदनशीलता के साथ शिक्षा ग्रहण करने का अवसर दिया जाता है। उपलब्ध सीमित संसाधनों में उत्कृष्ठ शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रयास में आप सभी के सकारात्मक सहयोग का स्वागत है।

प्रधानाचार्य

श्री ओमप्रकाश